रमणिका गुप्ता का ‘सीता’ उपन्यास : आदिवासी नारी का संघर्ष | ‘Seeta’ Upnayas By : Ramanika Gupta

जंगल में जन्म और जंगल में ही अपना सम्पूर्ण जीवन बिता देने वाले और जो आदिकाल से जंगल में ही रहते हों ,जंगल से प्राप्त वस्तुओं पर ही जिनका जीवन…

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मृदुला गर्ग की कहानी ‘वसु का कुटुम’ – मूल संवेदना | Vasu ka Kutum – By Mridula Garg

मृदुला गर्ग समकालीन महिला लेखिकाओं में एक विशिष्ट स्थान रखती हैं | बहुचर्चित औपन्यासिक रचनाओं के अतिरिक्त हिंदी कहानी के क्षेत्र में भी शसक्त रचनाएँ देकर उन्होंने हिंदी साहित्य जगत…

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किन्नर आत्म कथाओं में अभिव्यक्त किन्नर समाज की पीड़ा | Third Gender Biography in Hindi

हमारे पूरे समाज का ताना बाना स्त्री और पुरुष  इन्हीं दोनों के इर्द-गिर्द घूमता रहता है मानों इन्हीं से ही सम्पूर्ण समाज का अस्तित्व हो | परन्तु इन पूर्ण पुरुष…

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मनीषा कुलश्रेष्ठ की कठपुतलियाँ कहानी संग्रह : मानवीय संवेदना | kathputaliyan kahani sangrah by Manisha Kulshrestha

हिंदी के युवा साहित्यकारों में मनीषा कुलश्रेष्ठ एक कहानीकार और उपन्यासकार के रूप में विशेष स्थान रखती हैं। मनीषा कुलश्रेष्ठ की कहानियां अपने विषय वैविध्य के कारण विशेष रूप से…

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दिलीप मेहरा की हिंदी कहानियों में व्यंग्य (सामाजिक विसंगतियों पर चोट)

व्यंग्‍य की उत्पत्ति ही सामाजिक विसंगतियों, विद्रूपताओं, पाखंडों तथा विरोधाभासों से उपजने वाले असंतोष से होती है |  इसके माध्यम से एक रचनाकार अपने अनुभवों तथा अपने आस-पास के परिवेश की विसंगतियों को अप्रत्यक्ष…

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थर्ड जेंडर : हिंदी कहानियां, किन्नर जीवन का संघर्ष | Third Gender : Hindi kahaniyan – Kinnar jeevan ka Sangharsh

हिंदी साहित्य में दलित विमर्श, स्त्री विमर्श , आदिवासी विमर्शों की ही भांति किन्नर विमर्श आज किन्नरों के जीवन की हकीकतों को परत-दर परत खोलता चला जा रहा है |…

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दलित वर्ग के आत्म संघर्ष की कथा : टूटता वहम | Tootata Vaham By : Shushila Takbhore

हमारा भारतीय समाज सदियों से ही अपनी अनेक सामाजिक विसंगतियों का दंश झेलता चला आ रहा है | फिर चाहे स्त्री की स्थिति हो या जाति व धर्म आधारित वर्ग भेद | इस वर्ग…

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स्त्री जीवन की विडम्बनाएं : देह की कीमत | ‘Deh ki Keemat’ kahani sangrah by : Tejendra Sharma

तेजेंद्र शर्मा का नाम हिंदी के प्रवासी भारतीय साहित्यकारों में विशेष उल्लेखनीय है | २१ अक्टूबर १९५२ में पंजाब के जगरांव में जन्मे तेजेंद्र जी ने अपनी कविताओं, नाटकों और…

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मानवीय संवेदनाओं का कोलाज : ‘प्रवास में’ | ‘Pravas Mein’ Kahani Sangrah By Usha Raje Saxena

प्रवासी भारतीय साहित्य ने विगत कुछ वर्षों में हिंदी साहित्य संसार को बहुत ही समृद्ध किया है | हिंदी साहित्य में अन्य विमर्शों की भांति प्रवासी साहित्य भी अपनी विशेष पहचान के…

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दाम्पत्य जीवन की दर्द भरी कहानियां : ‘दीवार में रास्ता’ | Deewar Mein Raasta Kahani Sangrah By- Tejendra Sharma

प्रवासी भारतीय साहित्यकारों में अनेक ऐसे लेखक हैं जिन्होंने हिंदी साहित्य में अपना विशेष योगदान देकर हिंदी साहित्य संसार के भंडार को समृद्ध किया है | उषा राजे सक्सेना, दिव्या…

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