किन्नर कथा -किन्नर जीवन की मार्मिक गाथा | Kinnar Katha By : Mahendra Bheeshm

महेंद्र भीष्म द्वारा रचित किन्नर कथा उपन्यास हिंदी साहित्य की उन साहसिक रचनाओं में से एक है जिसने समाज को इस समुदाय को लेकर सोचने के लिए विवश किया है…

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महेंद्र भीष्म कृत ‘मैं पायल’ उपन्यास | Main Payal Upanayas By : Mahendra Bheeshm

साहित्य में वर्तमान समय है विविध विमर्शो का जैसे –दलित विमर्श ,आदिवासी विमर्श और नारी विमर्श आदि | ये सभी विमर्श ऐसे व्यक्तियों के बारे में जिरह कर अपनी मान्यता…

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विद्रोह उपन्यास – विद्रोह करती नारियां | Vidroh Upanayas By : Kailash chand Chauhan

दलित शब्द का अर्थ होता है दलन किया हुआ | अर्थात हर वह व्यक्ति जो शोषित है,  उत्पीड़न का शिकार है, वंचित एवं गरीब है, इस श्रेणी में आ जाता…

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पुरुष तन में फँसा मेरा नारी मन | Purush Tan Mein fansa Mera Nari Man By : Manobi Bandyopadhyay

पुरुष तन में फँसा मेरा नारी मन उपन्यास की निम्न पंक्तियाँ अपने-आप में वह सब कुछ बयां कर देती हैं जो पहले अपनी अपूर्णता से पूर्णता की तलास और फिर…

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उषा प्रियंवदा कृत नदी उपन्यास | Nadi Upnayas By : Usha Privyamvada

आज हिंदी साहित्य में नारी ,दलित,आदिवासी एवं किन्नर साहित्य भी भांति ही प्रवासी साहित्य की अपनी जड़े मजबूत करते हुए हिंदी साहित्य को समृद्ध कर रहा है | रोजी-रोटी की…

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कैलाशचंद चौहान कृत भंवर उपन्यास – दलित स्त्री की संघर्षगाथा | Bhanvar Upnayas By : Kailashchand Chauhan

हिंदी साहित्य के जाने माने दलित लेखक कैलाशचंद चौहान रचित एवं 2013 में प्रकाशित भंवर उपन्यास में दलित लोगों के संघर्ष, उनकी सोच, स्त्री शिक्षा के प्रति उनका नजरिया, जाति…

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अकाल में उत्सव उपन्यास : कृषक जीवन की त्रासदी | Akaal mein Utsav Upnayas By : Pankaj Subir

 “टप्प ... आंगन में पहली बूंद गिरी | बूंद की आवाज ने उस छोटे से टूटे-फूटे मकान के अन्दर दहशत भर दी | उस साधारण सी आवाज में कितनी दहशत…

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पोस्ट बॉक्स नं. 203 नाला सोपारा उपन्यास में किन्नरों की स्थिति | Post Box No. 203 Nala Sopara Upnayas By : Chitra Mudgal

पोस्ट बॉक्स नं. 203 नाला सोपारा पत्राचार शैली में लिखा गया एक मर्मस्पर्शी उपन्यास है जो समाज के मुखौटे को अपने प्रश्नों से कुरेदकर निकालता है

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‘जिंदगी 50-50’ उपन्यास : अधूरी देह की पूरी कहानी | ‘Jindagi 50-50’ Upnayas By : Bhagvant Anmol

एक किन्नर को उसके अपने परिवार, समाज से मिले दर्द तथा उसके साथ हुए अन्याय आदि को लेकर लिखा गया यह उपन्यास अपने आप में इस समाज के समक्ष अनेकों…

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रमणिका गुप्ता के ‘मौसी’ उपन्यास में आदिवासी नारी | ‘Mausi’ Upnayas By : Ramanika Gupta

आदिवासी व दलित रमणिका गुप्ता की रचनाओं के केंद्र में रहे है | उन्होंने नारी मुक्ति के अतिरिक्त आदिवासी साहित्यिक स्वर को व्यापकता प्रदान की तथा मजदूर आंदोलनों को बल…

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