दलित वर्ग के आत्म संघर्ष की कथा : टूटता वहम | Tootata Vaham By : Shushila Takbhore

हमारा भारतीय समाज सदियों से ही अपनी अनेक सामाजिक विसंगतियों का दंश झेलता चला आ रहा है | फिर चाहे स्त्री की स्थिति हो या जाति व धर्म आधारित वर्ग भेद | इस वर्ग…

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स्त्री जीवन की विडम्बनाएं : देह की कीमत | ‘Deh ki Keemat’ kahani sangrah by : Tejendra Sharma

तेजेंद्र शर्मा का नाम हिंदी के प्रवासी भारतीय साहित्यकारों में विशेष उल्लेखनीय है | २१ अक्टूबर १९५२ में पंजाब के जगरांव में जन्मे तेजेंद्र जी ने अपनी कविताओं, नाटकों और…

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मानवीय संवेदनाओं का कोलाज : ‘प्रवास में’ | ‘Pravas Mein’ Kahani Sangrah By Usha Raje Saxena

प्रवासी भारतीय साहित्य ने विगत कुछ वर्षों में हिंदी साहित्य संसार को बहुत ही समृद्ध किया है | हिंदी साहित्य में अन्य विमर्शों की भांति प्रवासी साहित्य भी अपनी विशेष पहचान के…

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दाम्पत्य जीवन की दर्द भरी कहानियां : ‘दीवार में रास्ता’ | Deewar Mein Raasta Kahani Sangrah By- Tejendra Sharma

प्रवासी भारतीय साहित्यकारों में अनेक ऐसे लेखक हैं जिन्होंने हिंदी साहित्य में अपना विशेष योगदान देकर हिंदी साहित्य संसार के भंडार को समृद्ध किया है | उषा राजे सक्सेना, दिव्या…

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मेरा प्रेम ….. अमावश की कालिमा के पीछे है छुपा

मेरा प्रेम …..अमावश की कालिमा के पीछे है छुपा ,होगा नहीं उदित सूर्य प्रकाश पुंज के साथ ,और होगा नहीं उजाला नया |इस कालिमा के मध्य ग्रशेगा मुझे राहु,बच ना…

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आज भी तुझे ढूँढती मेरी निगाहें

आज भी तुझे ढूँढती मेरी निगाहें …….कहाँ जा तुम जा छिपी हो ,लगता है जैसे दिल की बस हर इक कली मुरझा चुकी हो |आंख में आंसू हैं दिल में…

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कुछ कहना था उनसे, पर लफ्जों ने सहारा ना दिया

कुछ कहना था उनसे ,पर लफ्जों ने सहारा ना दियागमे भवर में थे जब , कस्ती ने किनारा ना दियाकुछ गर्दिसें यूँ थी जो गर बाँटते उनसे ,उनकी आंशुओं के…

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विस्थापन का खट्टा-मीठा पारितोष – ‘वाकिंग पार्टनर’ | Walking Partner Kahani Sangrah by Usha Raje Saxena

विस्थापन की वृत्ति प्रकृति प्रदत्त हर जीवों में देखी जा सकती है | फिर चाहे इसका मूल कारण आस-पास के भौगोलिक परिवेश में बदलाव हो, अथवा जीविका की जद्दोजहद |…

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