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सत्य व्यास (Satya Vyas) : नई वाली हिंदी का रचनाकार

सत्य व्यास नई वाली हिंदी का रचनाकार

सत्य व्यास आधुनिक हिंदी के पेशेवर-शौकिया लेखक हैं | वह बीएचयू के प्रतिष्ठित लॉ स्कूल से लॉ ग्रेजुएट हैं और लॉजिस्टिक प्रोफेशनल हैं । उनके उपन्यासों की भाषा को “नई वाली हिंदी” के नाम से भी जाना जाता है। सत्य व्यास ने नए युग के हिंदी लेखन में खुद के लिए एक सशक्त जगह बनाकर हिंदी उपन्यासों की शैली को ही बदल दिया है।

उन्होंने बनारस टॉकीज, दिली दरबार, चौरासी, बागी बलिया और उफ़ कोलकाता नामक कुल चार उप्नायासों की रचना की है | बनारस टॉकीज, दिली दरबार, चौरासी और बागी बलिया ये चारो उपन्यास सर्वश्रेष्ठ विक्रेता (Bestseller) रही हैं ।  ये सभी पुस्तकें अद्वितीय शैली में और भिन्न-भिन्न पृष्ठभूमि के साथ लिखी गई हैं । एक ओर बनारस टॉकीज बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रावास के जीवन की कहानी कहती है वहीँ दरबार महानगरों में शिक्षा और बेहतर जीवन की आकांक्षा लिए पालयित हो रहे युवाओं की कहानी है।

सत्य व्यास की पहली दो किताबें रोमांटिक एंगल्स और मजाकिया हास्य के साथ हल्की कहानियां हैं | चौरासी 1984 के दंगों पर आधारित है जिसके लिए सत्य व्यास ने 1984 के दंगों के बारे में गहन शोध किया था। यह भी एक प्रेम कहानी है |

छात्र राजनीति के बारे में है जो किसी भी लेखक द्वारा कवर किया गया बहुत ही दुर्लभ विषय है। एक भावनात्मक प्रेम कहानी के साथ छात्र नेताओं के शक्ति संघर्ष के बारे में इसकी कहानी जो समानांतर चलती है।

उनकी नवीनतम पुस्तक ‘बागी बलिया’ छात्र राजनीति पर आधारित है | यह उपन्यास पूर्वांचल में छात्रों और कोलेजों की स्थिति को बयां करती हुयी पूरे उत्तर भारत में राजनीति के क्षेत्र में युवाओं की भूमिका को उजागर करती है | सत्य व्यास की पुस्तकों पर आधारित कुछ वेब श्रृंखलाएं और फिल्में विभिन्न निर्माताओं द्वारा निर्माणाधीन हैं।

सत्य व्यास की रचनाएँ

१.बनारस टॉकीज

बनारसी भाषा का पुट लिए सत्य व्यास का यह पहला उपन्यास सन २०१५ में प्रकाशित हुआ था | यह उपन्यास बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में स्थ‍ित भगवान दास हॉस्टल के कुछ छात्रों की कहानी कहती है | छात्र जीवन पर आधारित यह उपन्यास रैंगिंग के किस्से, गर्ल्स हॉस्टल की कहानी, कैम्पस की गॉसिप, कैम्पस की लव स्टोरी आदि को एक थाल में परोसती है |

२.दिल्ली दरबार

सत्य व्यास का यह उपन्यास छोटे शहरों के युवाओं के प्रवास और प्रेम की कहानी को बयां करता है | यह उपन्यास बेहतर भविष्य के लिए महानगरों मे पालायन करने वाले लाखो युवाओं की आपनी कहानी है | यह उपन्यास राहुल मिश्रा नामक एक युवक जो हमेशा सफलता के लिए शोर्ट कट्स में विश्वास करता है और पूर्वी दिल्ली की एक ठेठ लड़की के इर्द-गिर्द घुमती है जो राहुल में अपना भविष्य देखती है | यह एक लापरवाह इश्क से जिम्मेदार प्रेम की यात्रा करते हुए विश्वास, दोस्ती और ‘जीवन’ के मायने तलासती कहानी है।

३.चौरासी

‘चौरासी’ नामक यह एक प्रेम कहानी है जो 1984 के सिख दंगों से प्रभावित है। इस उपन्यास का मुख्य नायक ऋषि एक सिख परिवार को दंगों से बचाते हुए स्वयं एक दंगाई बन जाता है । यह उपन्यास विषम परिस्थितयों में भी प्रेम के जीवंत रहने और मानवीय मूल्यों के विजय की कहानी कहने के साथ-साथ विस्थापन के दर्द को भी बयां करती है |

४.बागी बलिया

सत्य व्यास के इस चौथे उपन्यास की कहानी छात्रनेता रफीक और संजय तथा उनकी दोस्ती के साथ उनके आपसी पारिवारिक सम्बन्ध और छात्रसंघ की राजनीती के इर्द-गिर्द घुमती है | छात्रसंघ पर पूर्वांचल की स्थिति को बयां करती हुयी यह किताब कमोबेस पूरे उत्तर भारत में राजनीति के क्षेत्र में युवाओं की भूमिका का प्रतिबिम्ब है | यह उपन्यास राजनीती में हिंसा और इस क्षेत्र में कोलेजों की वास्तविक दशा का चित्रण है | यह उपन्यास हिन्दू और मुस्लिम समुदाय के दो युवाओं क्रमशः संजय और राशिद को मुख्य पात्र के रूप में उनकी मित्रता, उनके पारिवारिक सम्बन्ध और राजनीती में सक्रियता के इर्द-गिर्द कहानी का ताना-बाना बुनता है |

५.उफ़्फ़ कोलकाता

सत्य व्यास रचित यह उपन्यास एक हिंदी हॉरर कॉमेडी उपन्यास है | इस उपन्यास की कहानी कोलकाता के बाहरी भाग में एक विश्वविद्यालय के हॉस्टल की कहानी है | इस उपन्यास के मुख्य किरदारों की ग़लती से विश्वविद्यालय का यह हॉस्टल अभिशप्त हो जाता है और वह अभिशप्त आत्मा बच्चों को परेशान तो करती है पर वह हिंसक नहीं है | हॉस्टल में रहने वाले बच्चे आत्मा के भय से बचने का अनेकानेक इंतज़ामात करते हैं | इस कहानी का मूल इन सब प्रक्रिया के दौरान उत्पन्न होने वाला हास्य और अंतत: एक हतप्रभ कर देने वाला मोड़ इस कहानी का मूल है।

क्रमउपन्यास के नामप्रकाशन वर्ष
1बनारस टॉकीज
2015
2दिल्ली दरबार
2016
3चौरासी
2018
4बागी बलिया
2019
5उफ़्फ़ कोलकाता (हॉरर कॉमेडी)2020


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